पिछले साल कोरोना ने पूरी दुनिया में जो तबाही मचाई है उससे अभी तक कई देश बाहर नहीं निकल पाए हैं. ऐसे में अभी भी कई देशों के सामने ये चुनौती है कि वो कोरोना के रोकथाम के लिए कदम उठाएं. पिछले साल जब कोरोना संक्रमण फैला तो ये पता चला कि ये वायरस चीन में चमगादड़ों से इंसानों में फैला है. इसको लेकर दुनियाभर में कई रिसर्च भी कई गई हैं. यूं तो फिलहाल उन रिसर्च से कोई पुख्ता हल नहीं निकला है मगर हाल ही में एक शोध किया गया है जिससे दावा किया जा रहा है कि आगे जानवरों से इंसानों में फैलने वाले वायरस को संक्रमण से रोका जा सकता है. स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के तीन शोधकर्ताओं, नार्दुस मोलेंत्स सिमॉन बबायन और डेनियल स्ट्रीकर नाम के तीन शोधकर्ताओं ने अपने शोध में ये पाया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर के कोरोना जैसे किसी वायरस का जानवरों से इंसानों में फैलने से पहले ही पता लगाया जा सकता है और महामारी बनने से पहले ही उसे रोका जा सकता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की तरह इंसानों में होने वाली कई नई बीमारियां जानवरों से इंसानों में फैलने वाले वायरस के कारण ही हो रही हैं. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि सही जेनेटिक मटीरियल, जैसे की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस मशीन के जरिए वायरस के संक्रमण से पहले ही उसके बारे में पता लगाया जा सकता है और उसे फैलने से रोका जा सकता है.
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