अप्रैल में 9 ग्रहों का गोचर, भारत पर क्या होगा प्रभाव…
Report By- Vanshika Singh
Horoscope/राशिफल- ब्रह्मांड के 9 ग्रह अप्रैल महीने में अपना राशि परिवर्तन कर रहे है. ये कोई साधारण घटना नहीं है. एक ही महीने में सभी ग्रहों का राशि परिवर्तन करना एक बड़े बदलाव की ओर संकेत करता है. इतने बड़े ग्रहो के परिवर्तन का प्रभाव आगे आने वाले कई महीनों तक दिखाई देगा. जय महाकाल…. भगवान भोलेनाथ आप सभी पर अपनी कृपा बनाए रखे इसी आशा और उम्मीद के साथ बात करते हैं अप्रैल में होने वाले महा राशि परिवर्तन की.
सबसे पहले मंगल ग्रह 7 अप्रैल को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे, फिर 8 अप्रैल को बुध मेष राशि में प्रवेश करेंगे. 12 अप्रैल को राहु-केतु राशि परिवर्तन करेंगे. 13 अप्रैल को देव गुरु बृहस्पति शनि की मूल त्रिकोण राशि को छोड़कर अपनी स्वयं की राशि मीन में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 14 अप्रैल को सूर्य की संक्रांति मेष राशि में होगी. 27 अप्रैल को शुक्र मीन राशि में प्रवेश करेंगे. और 29 अप्रैल को शनि का कुंभ राशि में प्रवेश होगा.
देखिए ग्रहों के राजा सूर्य का अपनी उच्च राशि में होना सरकारी व्यवस्था से लाभ या सरकार को लाभ दर्शाता है. शिक्षा, अनुसंधान, राजनीति के क्षेत्र में काफी बड़े बदलाव आगे आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. राहु और सूर्य के कारण राजनीति के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं. जिसके चलते किसी उच्चस्तरीय राजनेता को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है. वहीं भारत की कुंडली की बात करें तो भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है.
महादशा चंद्रमा की है, जो कि तृतीयेश और उसमें अंतर्दशा पंचमेश धनेश की चल रही है. भारत की कुंडली से गुरू का गोचर भी लाभ भाव में है और शनि का गोचर दशम भाव से होगा. बुध की महादशा भारत को संघर्ष से उन्नति की ओर ले जाएगी. बुध की अंतर्दशा भारत के परिपेक्ष्य में काफी अच्छी है. अतः किसी भी विपरीत परिस्थिति में भारत उन्नति की ओर ही अग्रसर रहेगा. भारत की कुंडली और प्रधानमंत्री की कुंडली दोनों ही बलवान स्थिति में हैं. जिससे कि भारत देश और लोग सुरक्षित रहेंगे.
ग्रहों के राशि परिवर्तन से देश और दूनिया पर क्या असर होगा. दरअसल इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार होगा. गुरु के राशि परिवर्तन से बुद्धिजीवी लोगों को नई उपलब्धियां हासिल होंगी. लोगों का धर्म की तरफ रुझान बढ़ेगा. धर्मगुरु या राजनीतिक क्षेत्र के लोग विवादों को सुलझाने की कोशिश करेंगे.
वहीं अप्रैल में मंगल और शनि की युति एक ही राशि में समान डिग्री में होने की वजह से आगजनी की घटनाएं, विस्फोट, किसी बड़ी दुर्घटना की ओर इशारा कर रहा है. हवाई दुर्घटना, ट्रेन दुर्घटना, कोई बड़ा हादसा या आतंकवादी घटनाएं बढ़ सकती हैं. विश्व के किसी बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष को कोई बड़ी दिक्कत हो सकती है. खगोलीय घटना होने के कारण नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव पूरी दूनिया पर देखने को मिलेंगे.
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी कोई विवाद हो सकता है. मंगल शनि की युति को ज्योतिष में अच्छा नहीं माना जाता. इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में गति, न्याय प्रणाली में सुधार, व्यापार में वृद्धि, धन लाभ के अवसर, तकनीकी के क्षेत्र में भी विस्तार देखने को मिलेगा और समय दुनिया में एक बदलाव का रहेगा. जहां पुरानी व्यवस्था समाप्त होंगी और नई व्यवस्था का उदय होगा.
राहु का मेष राशि में गोचर मतलब व्यवस्थाओं को वह पूरी तरीके से बदल देगा. केतु तुला राशि में प्रवेश करेंगे तो सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने का काम किया जा सकता है. साल 2019 में गुरु ने जैसे ही धनु राशि में प्रवेश किया था तो राहु केतु अक्ष में होने की वजह से ये अपने सर्वश्रेष्ठ फल नहीं दे पाए जिसके फलस्वरूप कोरोना जैसी महामारी का विस्तार हुआ. अब देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन में गोचर करेंगे जिसके फल स्वरूप कोरोना वायरस से राहत मिलेगी.